क्या आप भी वॉटसऐप ग्रुप दिनभर आने वाले मैसेज के नोटिफिकेशन से परेशान हैं? तो आपके लिए इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप वॉट्सऐप एक शानदार फीचर लेकर आ रहा है। इस फीचर की मदद से यूजर्स को अनचाहे ग्रुप और उनमें आने वाले मैसेजेज से मुक्ति मिलेगी।WABeteinfo के मुताबिक कंपनी नोटिफिकेशन सेक्शन में एक नए फीचर को लाने की तैयारी कर रही है। इस फीचर की खास बात ये है कि अब आप किसी भी ग्रुप चैट को हमेशा के लिए साइलेंट या म्यूट कर सकते हैं।
वर्तमान में एक साल की अवधि के लिए म्यूट की सुविधा है
रिपोर्ट के अनुसार, एंड्रायड के लिए वॉट्सऐप बीटा के लेटेस्ट वर्ज़न में से एक (version 2.20.197.3) में म्यूट आलवेज का विकल्प शामिल किया गया है। इस नए बदलाव में मौजूदा एक साल के विकल्प को हटाकर म्यूट आलवेज़ का विकल्प पेश किया गया है, ताकि यूज़र्स हमेशा के लिए अनचाहे ग्रुप चैट्स को अपने वॉट्सऐप में म्यूट कर सकें। यकीनन यह फीचर उन लोगों के लिए काफी कारगार साबित होगा, जो अक्सर अनचाहे यूजर्स व ग्रुप के चैट नोटिफिकेशन से परेशान रहते हैं।
एक्सपायरी मैसेज का विकल्प भी मिलेगा
WABetaInfo की रिपोर्ट के मुताबिक, वॉट्सऐप पर म्यूट ऑलवेज विकल्प के अलावा एक्सपायरी मैसेज विकल्प भी दिया जा सकता है। वॉट्सऐप बीटा के एंड्रायड 2.20.197.4 में मौजूद है। WABetaInfo द्वारा शेयर किए गए स्क्रीनशॉट में देखा जा सकता है कि यह नया विकल्प आपको सात दिनों के बाद चैट से नए मैसेज गायब करने की सुविधा प्रदान करता है।
इस फीचर के आने के बाद वॉट्सऐप के मैसेज यूजर द्वारा निर्धारित समय के बाद चैट से डिलीट हो जाएंगे। फिलहाल ये फीचर ग्रुप चैट के लिए किया गया है। इसके लिए यूजर्स को ग्रुप इंफो में जाकर Disappeared को ऑन कर टाइमर ऑन करना होगा।
ऑटो कंपनियों ने जुलाई में बिकने वाली गाड़ियों का डेटा जारी कर दिया है। कई कंपनियों के सेल्स आंकड़ों में बढ़ोतरी हुई है, तो कई के आंकड़े बुरी तरह गड़बड़ा गए। सुजुकी मोटरसाइकिल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (SMIPL) ने टू-व्हीलर की बिक्री में रिकॉर्ड 37% की ग्रोथ दर्ज की है। वहीं, टोयोटा की सेल्स 48.32% गिर गई। आइए एक एककर सुजुकी, टोयोटा, हुंडई, महिंद्रा एंड महिंद्रा के जुलाई के सेल्स आंकड़ों पर नजर डालते हैं।
सुजुकी मोटरसाइकिल के आंकड़े
सबसे पहले बात करते हैं सुजुकी मोटरसाइकिल के आंकड़ों की। कोविड-19 से प्रभावित कंपनी ने 18 मई को मैन्युफैक्चरिंग फिर से शुरू की थी। कंपनी ने जुलाई में 31,421 यूनिट बेची और 2991 यूनिट एक्सपोर्ट कीं। जुलाई 2019 की तुलना में कंपनी के आंकड़ों में 37% की बढ़ोतरी रही।
बिक्री को लेकर सुजुकी मोटरसाइकिल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर कोइचिरो हीरा ने कहा कि अनलॉक होने के साथ ऑटोमोबाइल प्रोडक्शन, डिस्ट्रिब्यूशन और सेल्स सामान्य हो गई है। अगस्त महीने में हम अपने प्रोडक्शन को बढ़ाने की पूरी कोशिश करेंगे। कंपनी प्रोडक्शन के दौरान सरकार द्वारा तय किए गए नियमों और गाइडलाइन का पूरा ध्यान रख रही है।
महिंद्रा एंड महिंद्रा के आंकड़े
बात करें महिंद्रा एंड महिंद्रा की, तो इसके ट्रैक्टर की बिक्री में 27 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। उसने जुलाई में 25,402 यूनिट बेचीं। कंपनी ने बताया कि उसने बीते साल इस दौरान 19,992 सेल की थीं। यानी उसने 5410 यूनिट ज्यादा बेची। इस साल जुलाई में घरेलू बिक्री 28% बढ़कर 24,463 यूनिट हो गई, जबकि एक साल पहले महीने में यह 19,174 यूनिट थी। इस दौरान कंपनी ने 939 यूनिट एक्सपोर्ट भी कीं। ये पिछले साल की तुलना में 15% ज्यादा है।
महिंद्रा एंड महिंद्रा में फार्म इक्युपमेंट सेक्टर के प्रेसिडेंट हेमंत सिक्का ने कहा कि जुलाई में हमारी अब तक की सबसे अधिक बिक्री है। अभी भी टैक्ट्रर की डिमांड बनी हुई है।
हुंडई मोटर इंडिया के आंकड़े
अब बात करते हैं हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड के आंकड़ों की, तो जुलाई में कंपनी की बिक्री 28 फीसदी घट गई। कंपनी ने जुलाई में 41,300 यूनिट बेची, जबकि बीते साल इसी महीने में कंपनी ने 57,310 यूनिट बेची थीं। वहीं, जुलाई में घरेलू बिक्री 2% घटकर 38,200 यूनिट रही, जबकि जुलाई 2019 में 39,010 यूनिट थी। बीते साल कंपनी ने जुलाई में 18,300 यूनिट एक्सपोर्ट की थीं, जो इस साल 83 फीसदी घटकर 3,100 यूनिट पर ही रह गईं।
बिक्री गिरने को लेकर एचएमआईएल डायरेक्टर (सेल्स, मार्केटिंग एंड सर्विस) तरुण गर्ग ने कहा कि कंपनी देश के आर्थिक पुनरुत्थान को आगे बढ़ाने में सक्षम योगदान दे रही है। हम लगातार ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने और बाजार की मांग को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
टोयोटा मोटर के आंकड़े
आखिर में बात टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के आंकड़ों की, घरेलू बाजार में कंपनी की बिक्री जुलाई में 48.32 प्रतिशत घटकर 5,386 यूनिट रह गई, जो पिछले साल समान महीने में 10,423 यूनिट थी। जून में घरेलू बाजार में कंपनी की बिक्री 3,866 यूनिट रही थी।
कंपनी के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट (सेल्स एंड सर्विस) नवीन सोनी ने कहा कि कई तरह की चुनौतियों के बावजूद जुलाई में कंपनी की खुदरा और थोक बिक्री जून की तुलना में बेहतर रही है। अनलॉक के बाद जून पहला महीना रहा था। इसमें मांग फिर उबरी और खुदरा बिक्री अच्छी रही। कंपनी को पिछले महीने बेंगलुरु में लॉकडाउन की वजह से अस्थायी रूप से चार दिन के लिए अपना प्लांट बंद करना पड़ा था।
स्टार्टअप्स कंपनियों के लिए जुलाई का महीना काफी अच्छा रहा। इस माह में स्टार्टअप कंपनियों को लगातार फंडिंग जुटाने में मदद मिली है। लगभग 60 से ज्यादा स्टार्टअप्स कंपनियों ने अच्छा खासा फंड जुटाया है। ज्यादातर फंडिंग उन स्टार्टअप्स को मिली जो बहुत जल्दी अपना कारोबार शुरू किए थे।
जुलाई में शीर्ष स्टार्टअप जिन्होंने अच्छी-खासी रकम जुटाई हैं-
कंपनी का नाम
कितना फंड मिला (USD)
जोलो
56,000,000
एमपावर्ड
21,000,000
जेट वर्क
20,754,700
बुलबुल
8,700,000
हेवो
8,000,000
फ्लिंटो क्लास
7,200,000
मैजिक पिन
7,000,000
ब्लू स्मार्ट
5,000,000
इंट्री
3,055,500
ट्रिबो होटल्स
3,000,000
म्यूस वीयरेबल
2,944,580
वेगराॅव
2,500,000
पिगीराइड.इन
1,880,630
गे डच
1,700,000
बिग बैंग बूम सॉल्यूशन
1,475,920
केन
42 1,459,730
ब्लू स्काई एनालिटिकल
1,205,310
सिकरदन
1,200,000
युमलेन
1,000,000
बीआरबी
974,709
गिग इंडिया
974,709
चिंगारी
939,169
प्लम
932,774
गिग फोर्स
805,002
चिटमोंक्स
650,000
फायर स्कोर
500,000
ओपन ऐप
500,000
गोबलि
500,000
रिव्यू रिवार्ड्ज
267,875
मित्रों
265,406
वेलक्योर
200,000
पार्कस्मार्ट
199,723
पिकराइट
175,000
हेल्प नाउ
125,000
WYN स्टूडियो
66,968
1 एमजी
26,547
जोलो425 करोड़ रुपए के करीब सी राउंड फंडिंग जुटाई
बंगलुरू की को लिविंग ब्रांड कंपनी जोलो स्टे महीने में फंड जुटाने में टॉप पर रही है। 7 जुलाई को जोलो स्टे ने सिरीज फंड के तहत 425 करोड़ रुपए के करीब सी राउंड फंडिंग जुटाई थी। यह फंड उसने इनवेस्ट कॉर्प के नेतृत्व में नेक्सस वेंचर्स पार्टनर्स, मिरै असेट आदि से जुटाई। कंपनी ने इसके साथ ही कुल मिलाकर 9 करोड़ डॉलर की राशि जुटाई थी।
चीनी ऐप्स पर पाबंदी का भी मिला फायदा
आईआईटी मद्रास की स्मार्ट वाच कंपनी म्यूज वियरेबल्स ने भी इसी तरह से 30 लाख डॉलर की राशि जुटाई थी। इस कंपनी ने कोविड-19 को ट्रैक करनेवाले ट्रैकर का निर्माण किया था। इसी तरह वीडियो शेयरिंग प्लेटफॉर्म मित्रों ने भी जुलाई की शुरुआत में पैसे जुटाया था। जबकि शेयर चैट ने हाल में 4 करोड़ डॉलर की फंडिंग जुटाई थी। यह सब तब हुआ जब चीनी ऐप्स पर पाबंदी लगाई गई थी।ब्लाक चैन स्टार्टअप चिटमोंक्स ने भी यूनिकॉर्न इंडिया वेंचर्स से पैसे जुटाने में सफल रही।
कोविड-19 महामारी ने ऑफिस वर्क कल्चर के साथ एजुकेशन सिस्टम को भी पूरी तरह बदल दिया है। महामारी का असर यहां तक हुआ है कि गूगल और माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियों ने अपने एम्पलाई को 2021 तक वर्क फ्रॉम होम दे दिया है।
देश के स्कूल, कॉलेज भी अब ऑनलाइन ही चल रहे हैं। एजुकेशन फ्रॉर्म होम कल्चर की वजह से लैपटॉप की डिमांड अचानक बढ़ गई है। हालांकि, किस एजुकेशन के लिए कौन सा लैपटॉप बेहतर होता है, इसकी जानकारी होना बहुत जरूरी है। हम यहां आपके काम के हिसाब से लैपटॉप के बारे में बता रहे हैं।
एजुकेशन के लिए कौन सा लैपटॉप ज्यादा बेहतर?
ये इस बात पर डिपेंड करता है कि आप किस तरह के एजुकेशन में है। यानी स्कूलिंग, कॉलेज या फिर आईटी से जुड़े किसी कोर्स में। जहां तक बात स्कूल की है, तो इसके लिए प्रोसेसर, रैम, स्टोरेज ज्यादा मायने नहीं रखती है।
स्कूल एजुकेशन के लिए: 12वीं तक के स्टूडेंट्स को ऑनलाइन क्लास अटेंड करने के लिए लैपटॉप में कैमरा का होना जरूरी है। साथ ही, इसमें 4GB तक रैम, क्वाड-कोर प्रोसेसर, 100GB तक का स्टोरेज होना चाहिए।
कॉलेज एजुकेशन के लिए: कॉलेज स्टूडेंट्स के लिए लैपटॉप का कॉन्फिग्रेशन ज्यादा अपग्रेड होना चाहिए। इसका मतलब ये बिल्कुल भी नहीं है कि इस तरह के लैपटॉप महंगे या आपके बजट के बाहर होंगे। ऐसे लैपटॉप को 30 हजार रुपए से कम कीमत में खरीदा जा सकता है।
आईटी एजुकेशन के लिए: अब बात करते हैं एजुकेशन के टॉप लेवल की। यानी स्टूडेंट किसी प्रोफेशनल कोर्स या फिर आईटी से जुड़े किसी कोर्स को कर रहा है, तब उसे ज्यादा एडवांस लैपटॉप की जररूत होगी। इन लैपटॉप में ऑक्टा-कोर प्रोसेसर के साथ कम से कम 8GB रैम और ग्राफिक्स कार्ड होना चाहिए। ये लैपटॉप प्रोफेशन कैटेगरी में आ जाते हैं। ऐसे में इनकी कीमत भी ज्यादा हो जाती है।
देश भर में बारिश का दौर शुरू हो चुका है। असम और बिहार सहित देश के कई राज्यों में लोगों को भारी बारिश के कारण बाढ़ का सामना भी करना पड़ रहा है। बारिश के मौसम में गाड़ी को सुरक्षित और सही रखना थोड़ा मुश्किल रहता है। बाढ़ और तेज आंधी के अलावा कई बातों से आपकी गाड़ी को नुकसान पहुंच सकता है। यहां हम आपको बता रहे हैं कि आप बारिश में अपनी गाड़ी को सुरक्षित कैसे रख सकते हैं।
खुले में पार्क करने से बचें
गाड़ी को खुले में पार्क करने से बचना चाहिए क्योंकि कई बार देखा जाता है। क्योंकि कई बार बारिश के साथ तेज हवा के कारण पेड़ टूट जातें हैं और इससे गाड़ियों को नुकसान पहुंचने की संभावना रहती है। इसीलिए खुले में या पेड़ के नीचे गाड़ी खड़ी न करें।
गाड़ी को कवर करके रखें
अगर आपकी गाड़ी घर में कहीं ऐसी जगह खड़ी है जहां गाड़ी पर ऊपर से शेड नहीं हैं तो यह बहुत जरूरी है कि आप गाड़ी को कवर करके रखें। आप कहीं से भी बाइक कवर ले सकते हैं ये ज्यादा महंगा नहीं आता।
गाड़ी का इंश्योरेंस बहुत जरूरी
मोटर बीमा पॉलिसी रिन्यू कराने से पहले इंश्योरेंस कंपनी से पूछें कि ऐसे कौन से एड-ऑन कवर हैं जो आपके लिए फायदेमंद हो सकते हैं। मसलन, यदि आप ऐसे क्षेत्र में रह रहे हैं जहां बाढ़ आ सकती है तो अपनी गाड़ी के इंजन के लिए अतिरिक्त बीमा कवर ले सकते हैं। जीरो डेप्रिसिएशन या डेप्रिसिएशन शील्ड एक और एड-ऑन कवर है। इसके तहत बीमा कंपनी क्लेम के वक्त डेप्रिसिएशन की गणना न कर वाहन के पार्ट्स का बाजार मूल्य पर भुगतान करती है।
टायरों का रखें ख्याल
पानी में लंबे समय तक खड़े रहने से टायर्स को नुकसान हो सकता है। कई बार भी टायर्स पुराने होने पर पानी भी उनमें चला जाता है, इससे टायर को नुकसान हो सकता है। ऐसे में जरूरी है कि आप अपनी गाड़ी ऐसी जगह न रखें जहां हमेशा पानी भरा रहता है।
पेट्रोल टैंक में न जाने दें पानी
कई बार देखा जाता है कि बाइक के पेट्रोल टैंक का ढक्कन कुछ समय बाद थोड़ा ढीला हो जाता है और ऐसे में टैंक में पानी चले जाने की समस्या रहती है। इस समस्या से बचने के लिए पेट्रोल टैंक का ढक्कन को सही करा लें। क्योंकि पानी जाने के कारण बाइक स्टार्ट होने में प्रॉब्लम करती है और बार- बार बंद होने लगती है।
स्पार्क प्लग को रखें सुरक्षित
गाड़ी के स्पार्क प्लग में पानी पाने भरने के कारण गाड़ी के स्टार्ट होने में प्रॉब्लम होती है। इस समस्या से बचने के लिए जरूरी है कि आपकी गाड़ी का स्पार्क प्लग ठीक तरह से कवर हो। अगर ऐसा नहीं है या उनका कवर खराब हो गया है तो उसे तुरंत बदलवा लें।
गाड़ी को रखें साफ
अकसर देखा जाता है कि हम जब गाड़ी चलकर लौटते हैं तो उसमें कीचड या गंदगी लग जाती है। अगर ये कीचड ज्यादा समय तक गाड़ी में लगा रहता है तो इससे गाड़ी में जंग लगने का खतरा रहता है। अगर आपकी गाड़ी में पहले से जंग लगी हैं तो उस जगह पर आयल पेंट कर सकते हैं।
मेंटीनेंस बहुत जरूरी
गाड़ी का समय-समय पर मेंटीनेंस कराना बहुत जरूरी है। बारिश के मौसम में यह और भी जरूरी हो जाता है। इसीलिए गाड़ी में कोई भी परेशानी होने पर ऐसे तुरंत मैकेनिक को दिखाएं ताकि बड़ी परेशानी से बचा जा सके।
बारिश में बाइक चलाते समय इस बात का रखें ध्यान...
स्पीड का रखें ध्यान
बारिश में सड़क पर आपका ट्रैक्शन कम हो जाता है जिसकी वजह से मोटरसाइकिल पर आपको कंट्रोल भी कम हो जाता है। स्पीड कम रखने से आपको ज्यादा ब्रेक लगाने भी नहीं लगानी पड़ती है और मोटरसाइकिल पर आपको कंट्रोल भी ज्यादा रहता है। बेहतर होगा कि आप बारिश के समय 30 से 50 किमी प्रति घंटे की स्पीड को कायम रखें। तेज बारिश में विजिबिलिटी भी कम होती है। स्पीड कम रहने पर इसमें भी फायदा मिलेगा और आप बाइक चलाते वक्त ज्यादा सेफ महसूस करेंगे। इतना ही नहीं, आप दुर्घटना से भी बच जाएंगे।
दूरी बनाकर रखें
आपको अपने आगे चलने वाली बाइक और दूसरे व्हीकल के बीच दूरी बढ़ाने की जरूरत है। बारिश में ट्रैक्शन कम होने की वजह से बाइक को रोकने में ज्यादा वक्त लगता है। इसके अलावा दूरी बनाए रखने से दूसरी कारों के जरिए सड़क का पानी फैलने से होने वाले नुकसान से बच सकेंगे।
आराम से लगाएं ब्रेक
आराम से लगाएं ब्रेक बेहतर होगा कि आप बारिश के समय डिस्क और ड्रम ब्रेक्स दोनों का इस्तेमाल करें। अगर आप फ्रंट डिस्क ब्रेक का यूज करते हैं तो स्लिप होने का खतरा रहता है जबकि ड्रम ब्रेक आपकी बाइक को पूरी तरह से रोक नहीं पाएगी। अपने ड्रम ब्रेक को दबाएं और डिस्क ब्रेक को हलके से टैप करें ताकि स्पीड कम हो और आपका कंट्रोल ज्यादा। मानसून से पहले ब्रेक को जरूर चेक कर लें।
हेडलाइट ऑन रखें
बारिश के समय विजिबिलिटी कम हो जाती है। ऐसे में दिन के वक्त भी हेडलाइट्स ऑन रखने से दूसरों को आपकी पॉजिशन के बारे में पता चलता रहेगा। अपने हेडलैम्प और टेल लाइट दोनों को साफ रखें। इस बात का भी ध्यान रखें कि जहां जरूरी हो वहां अपनी हेडलाइट कम बीम पर रखें।
TECNO has recently unveiled its TECNO Spark 6 Air smartphone in India. The TECNO Spark 6 Air features a huge 7-inch display and a large 6,000mAh battery. The entry-level TECNO Spark 6 Air will be sold in India via Amazon. Take a look at the price, full specifications, and features of the TECNO Spark 6 Air and find out what it has in store for us.
TECNO Spark 6 Air: Price in India
The TECNO Spark 6 Air is launched in India for an asking price of INR 7,999. There are two color variants to choose from – Comet Black and Ocean Blue. The device will start selling in India from August 6, 2020 via Amazon.in.
TECNO Spark 6 Air: Specifications and features
Starting with the display of the device, the TECNO Spark 6 Air features a large 7-inch HD+ display with a 20.5:9 aspect ratio and a 1,640 x 720 pixel resolution. The device features a waterdrop notch at the top of the display, which makes room for an 8MP selfie snapper. At the back, the TECNO Spark 6 Air comes with a triple rear camera, which includes a 13MP primary lens with f/1.8 aperture, a 2MP depth sensor, and an AI camera of unknown resolution. At the back, the device also features a physical fingerprint scanner.
Under the hood, the TECNO Spark 6 Air is powered by an octa-core MediaTek Helio A25 processor, which is paired with 2GB of RAM and 32GB of internal storage, which has scope for expansion (up to 1TB) with the help of an external SD card. On the software side of things, the TECNO Spark 6 Air runs on the latest Android 10 OS out of the box with the company’s in-house HiOS 6.0 skin baked on top of it. In terms of battery life, the TECNO Spark 6 Air flaunts a 6,000mAh battery with support for standard charging.
What are your thoughts on the newly launched TECNO Spark 6 Air? Do let us know in the comments section below.
एपल के कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर्स समेत सैमसंग, लावा और डिक्सन जैसी कंपनियां अगले पांच साल में देश में 11 लाख करोड़ रुपए की मोबाइल डिवाइस और इसके उपकरण बनाएंगी। इन मोबाइल और डिवाइस का निर्माण सरकार की इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने वाली नई स्कीम के तहत किया जाएगा।
पीएलआई के लिए किया आवेदन
एक सूत्र के मुताबिक, स्कीम के तहत प्रोडक्शन लिंक इंसेंटिव (पीएलआई) का लाभ लेने के लिए कंपनियों ने मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड आईटी के पास प्रस्ताव जमा किया है। प्रस्ताव के मुताबिक, इससे 12 लाख रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इसमें 3 लाख प्रत्यक्ष और 9 लाख अप्रत्यक्ष रोजगार शामिल होंगे।
इन विदेशी कंपनियों ने किया आवेदन
जिन कंपनियों ने पीएलआई लाभ लेने के लिए आवेदन किया है उसमें सैमसंग, फॉक्सकॉन होन हाई, राइजिंग स्टार, विस्ट्रॉन और पेगाट्रॉन शामिल हैं। फॉक्सकॉन होन हाई, राइजिंग स्टार, विस्ट्रॉन और पेगाट्रॉन एपल के आईफोन की कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर्स हैं। ताइवान की कंपनी पेगाट्रॉन भारत की नए निवेशक है। एपल और सैमसंग की ग्लोबल मोबाइल फोन सेल्स रेवेन्यू में करीब 60 फीसदी हिस्सेदारी है।
इन मोबाइल फोन का होगा निर्माण
कंपनियों की ओर से जमा किए गए प्रस्ताव के मुताबिक, 9 लाख करोड़ रुपए के ऐसे मोबाइल बनाए जाएंगे जिनकी कीमत 15 हजार रुपए प्रति यूनिट से ज्यादा होगी। वहीं, 2 लाख करोड़ रुपए के मोबाइल ऐसे बनाए जाएंगे जो 15 हजार रुपए की सब कैटेगिरी में शामिल होंगे। इस प्रस्तावित उत्पादन कैपेसिटी में करीब 7 लाख करोड़ रुपए के मोबाइल फोन का निर्यात होने का अनुमान है।
इन भारतीय कंपनियों ने किया आवेदन
पीएलआई लाभ लेने के लिए लावा, डिक्सन टेक्नोलॉजी, माइक्रोमैक्स और पैगेट इलेक्ट्रॉनिक्स ने आवेदन किया है। लावा की अगले पांच साल में इस स्कीम के तहत 800 करोड़ रुपए के निवेश की योजना है।
केंद्र ने लॉन्च की हैं तीन योजना
केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए 1 अप्रैल को तीन स्कीम्स को नोटिफाइड किया था। इसमें इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट एंड सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग, मोडिफाइड इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग कलस्टर्स (EMC 2.0) और प्रोडक्शन इंसेंटिव स्कीम शामिल हैं। इन तीनों स्कीम्स के तहत सरकार की ओर से अगले पांच साल में 50,000 करोड़ रुपए का इंसेंटिव दिया जाएगा।
कंपोनेंट बनाने के लिए इन कंपनियों ने किया आवेदन
मोबाइल फोन के अलावा कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग के लिए एटीएंडएस, एसेंट्स सर्किंट्स, सहासरा और विटेस्को जैसी कंपनियों ने आवेदन किया है। ये कंपनी इस स्कीम के तहत अगले पांच साल में 40 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा कीतम के कंपोनेंट का निर्माण करेंगी।