google-साइट-सत्यापन: google00a0bd2a3382fed2.html TEch GYan: एलन मस्क ने एक एस्ट्रोनॉट को अंतरिक्ष पर भेजने में 2600 करोड़ रुपए की लागत घटाई, 1961 में एक सीट के लिए खर्च हुए थे 3000 करोड़ रु

एलन मस्क ने एक एस्ट्रोनॉट को अंतरिक्ष पर भेजने में 2600 करोड़ रुपए की लागत घटाई, 1961 में एक सीट के लिए खर्च हुए थे 3000 करोड़ रु

स्पेसएक्स अमेरिका का पहला ऐसा क्रू स्पेसशिप है, जो अंतरिक्ष की कक्षा में प्रवेश कर सुरक्षित रविवार को मैक्सिको की खाड़ी में उतरा। स्पेसएक्स ड्रैगन कैप्सूल डॉग हर्ले और बॉब बेहेनकेन को लेकर मेक्सिको की खाड़ी में उतरा। 45 साल बाद ऐसा हुआ है, जब नासा के अंतरिक्ष यात्री समुद्र में उतरे है। इससे पहले अपोलो कमांड मॉड्यूल समुद्र में उतरा था।

ये मिशन एलन मस्क के स्पेसएक्स के लिए एक बड़ी जीत है, क्योंकि उन्होंने अंतरिक्ष पर जाने वाले एक अंतरिक्ष यात्री की लागत में करीब 2600 करोड़ रुपए तक कटौती की है। अपोलो स्पेसक्राफ्ट में एक सीट का खर्च 390 मिलियन डॉलर (करीब 3000 करोड़ रुपए) था, जिसे एलन मस्क ने 55 मिलियन डॉलर (करीब 412 करोड़ रुपए) कर दिया है।

पहली बार प्राइवेट कंपनी को मिला मौका
इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ, जब बिजनेसमैन एलन मस्क की प्राइवेट कंपनी स्पेसएक्स किसी इंसान को अंतरिक्ष में लेकर गई। इस मिशन को 31 मई को अमेरिका से लॉन्च हो गया था। ये दुनिया का पहला प्राइवेट स्पेस ह्यूमन मिशन था। स्पेसएक्स और अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा के बीच समझौते के तहत ये कार्यक्रम चलाया जा रहा है।

अमेरिकी अपने अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजने के लिए रूस की निर्भरता को हटाना चाहता है। साथ ही, स्पेसएक्स लॉन्च करने में इसकी लागत भी बहुत महत्वपूर्ण रही है। नासा ने एक नए अंतरिक्ष यान को विकसित करने के लिए कमर्शियल क्रू नाम के एक कार्यक्रम के तहत स्पेसएक्स और बोइंग के साथ कॉन्ट्रैक्ट किया। नासा ने स्पेसएक्स को 3.1 बिलियन डॉलर और बोइंग को 4.8 बिलियन डॉलर का सम्मान दिया।

60 साल का सबसे सस्ता स्पेसक्राफ्ट
यह 60 साल के करीब सबसे सस्ता स्पेसक्राप्ट डेवलपमेंट का प्रयास रहा। नासा द्वारा 2019 में किए गए एक ऑडिट में पाया गया कि स्पेसएक्स की प्रति सीट की कीमत पिछले सभी प्रोग्राम, यहां तक की सोयूज से भी काफी कम है। बता दें कि सोयूज में प्रति सीट का खर्च 80 मिलियन डॉलर (करीब 600 करोड़ रुपए) है।

अपोलो सबसे महंगा स्पेसक्राफ्ट
प्लैनेटरी सोसाइटी के अनुसार, अपोलो प्रोग्राम में एक सीट की लागत 390 मिलियन डॉलर (लगभग 3000 करोड़ रुपए) थी, जबकि स्पेस शटल में ये आंकड़ा 170 मिलियन डॉलर (लगभग 1.2 हजार करोड़ रुपए) का रहा। नासा ऑडिट ने अनुमान लगाया कि स्पेसएक्स क्रू ड्रैगन में प्रति सीट की लागत 55 मिलियन डॉलर (लगभग 412 करोड़ रुपए) आती है, जबकि बोइंग के स्टारलाइनर में ये बढ़कर 90 मिलियन डॉलर (लगभग 675 करोड़ रुपए) तक हो जाती है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
The NASA audit estimated that the per-seat cost of the SpaceX Crew Dragon comes to $55 million while Boeing's Starliner adds up to $90 million


https://ift.tt/3gvijJt
https://ift.tt/3kezPnM

No comments:

Post a Comment